मनरेगा के तहत कौन कौन से कार्य किए जाते हैं : राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) के तहत जॉब कार्ड धारक प्रत्येक वर्ष 100 दिनों के रोजगार के हकदार हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय पात्र परिवारों को अकुशल कार्य करने के लिए जॉब कार्ड प्रदान करता है, जिससे उन्हें नरेगा के लाभों का उपयोग करने की अनुमति मिलती है। इस जॉब कार्ड में पूर्ण किए गए कार्य और हाजिरी की जानकारी दर्ज किया जाता है।
हालाँकि, कई जॉब कार्ड धारक को यह मालूम नही होता है कि मनरेगा के अंतर्गत कौन कौन से कार्य आते हैं ? उनके लिए यह जानकारी जानना महत्वपूर्ण है ताकि वे प्रभावी ढंग से कार्यक्रम के तहत काम के लिए आवेदन कर सकें, और जॉब कार्ड पर मिलनें वालें लाभों को उठा सकें।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) कई विकास कार्य प्रदान करती है जो न केवल लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं बल्कि उनकी आजीविका में भी योगदान करते हैं।
मनरेगा के तहत होने वाले कार्य
निम्नलिखित मनरेगा के तहत होने वाले कार्य की एक सूची है, जिसमें जॉब कार्ड धारक सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं:
- आवास निर्माण कार्य
- जल संरक्षण कार्य
- बागवानी कार्य
- गौशाला निर्माण कार्य
- वृक्षारोपण कार्य
- लघु सिंचाई कार्य
- ग्रामीण सम्पर्क मार्ग निर्माण कार्य
- चकबंध कार्य
- भूमि विकास कार्य
- बाढ़ नियंत्रण कार्य
मनरेगा में काम कैसे होता है ?
ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार, रुचि व्यक्त करने वाले पात्र परिवारों को जॉब कार्ड प्रदान करने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) चलाती है। इस योजना के तहत सरकार जॉब कार्ड धारकों को 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देती है। काम के अवसर उनके निवास के 5 किलोमीटर के दायरे में उपलब्ध कराए जाते हैं।
मनरेगा के तहत सभी जॉब कार्ड धारक होने वाले कार्य में काम करने हेतु आवेदन कर सकता है। इस काम के लिए दैनिक वेतन निर्धारित किया जाता है और सीधे उनके बैंक खाते में भुगतान किया जाता है। दैनिक मजदूरी रेट राज्य के अनुसार भिन्न होती है। यहाँ देख सकते है – मनरेगा की मजदूरी कितनी है?
मनरेगा से क्या क्या फायदा है ?
मनरेगा योजना के तहत कई सारे लाभ प्रदान किये जाते है, जिनमें से कुछ यहाँ दिए गये है:
- रोजगार की गारंटी: यह योजना प्रत्येक परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों के वेतन रोजगार की गारंटी देती है, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक कार्य करने के लिए स्वेच्छा से काम करते हैं।
- आय में वृद्धि: मनरेगा ग्रामीण परिवारों को अतिरिक्त आय प्रदान करता है, गरीबी को कम करने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने में मदद करता है।
- अवसंरचना विकास: मनरेगा जल संरक्षण और प्रबंधन, भूमि विकास और ग्रामीण कनेक्टिविटी जैसे कार्यों के वित्तपोषण द्वारा ग्रामीण बुनियादी ढांचे को विकसित करने में मदद करता है।
- ग्रामीण विकास: इस योजना का उद्देश्य स्थायी रोजगार के अवसर प्रदान करके ग्रामीण परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना और ग्रामीण-शहरी प्रवास को कम करना है।
- सामाजिक सुरक्षा: मनरेगा ग्रामीण परिवारों को विशेष रूप से संकट के समय आय का एक स्रोत प्रदान करके सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है।
- महिला सशक्तिकरण: यह योजना महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करती है और ग्रामीण क्षेत्रों में लैंगिक भेदभाव को कम करने में मदद करती है।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: मनरेगा को नियमित निगरानी और मूल्यांकन के साथ एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली के माध्यम से लागू किया जाता है।
सारांश –
ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत आवास निर्माण कार्य, लघु सिंचाई कार्य, बागवानी कार्य किये जाते हैं। इसके अलावा मनरेगा के तहत ग्रामीण संपर्क मार्ग बनाने, भूमि विकास कार्य, गौशाला निर्माण का कार्य भी किया जाता है। उपर हमने मनरेगा कार्यों की सूची दी है। इसमें आप चेक कर सकते हैं कि मनरेगा के तहत कौन कौन से कार्य किए जाते हैं।
सामान्य प्रश्न (FAQ)
मनरेगा में कौन कौन से कार्य होते हैं ?
मनरेगा योजना के तहत आवास निर्माण कार्य, जल संरक्षण कार्य, बागवानी कार्य, वृक्षारोपण कार्य, लघु सिंचाई कार्य, ग्रामीण सम्पर्क मार्ग निर्माण कार्य, चकबंध कार्य, गौशाला निर्माण कार्य, भूमि विकास कार्य, बाढ़ नियंत्रण कार्य अदि कार्य किये जाते है।
मनरेगा की योजना और कार्यान्वयन के लिए कौन जिम्मेदार है ?
ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा नामित या अधिकृत व्यक्ति मनरेगा की योजना और कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होता है। इस योजना का संचालन ग्राम पंचायत स्तर पर गाँव का सरपंच या ग्राम प्रधान के निगरानी में होता है। इसके लिए ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सहायक भी जिम्मेदार होते है।
मनरेगा में कितने घंटे काम करना होता है ?
मनरेगा योजना में कार्य घंटे अलग-अलग मौसम के अनुसार अलग अलग निर्धारित होते है। जैसे कि गर्मी के मौसम में सुबह 6.30 बजे से दोपहर 2 बजे तक कार्य घंटे निर्धारित होते है। इस बीच भोजन अवकाश का समय भी शामिल होता है।
मनरेगा के तहत कौन कौन से कार्य किए जाते हैं इसकी जानकारी हमनें इस लेख में प्रदान कर दी है। उपर दिए दी गई जानकारी से अब कोई भी जॉब धारक इस कार्य में काम के लिए आवेदन कर सकते है। यदि आपके मन में मनरेगा योजना से संबंधित प्रश्न हैं, तो आप नीचे “Comment Box” में जाकर पूछ सकते हैं।
मनरेगा के तहत होने वाले कार्य की जानकारी सभी के लिए बहुत जरुरी है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि इस जानकारी को Whatsapp Group and Facebook अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करेगें तो काफी लोगों को मदद मिल सकती है। यदि आप इस योजना के बारे में नवीनतम जानकारी से अपडेट रहना चाहते हैं, तो Google पर “jobcardonline.in” सर्च करके यहाँ पर आ सकते है। धन्यवाद !